
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की निहित स्वार्थ के लिए कुछ राष्ट्र विरोधी लोग समाज को बांटने की कोशिश करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने उनके मंसूबों की गंभीरता को समझना बहुत जरूरी बताते हुए सभी को एकजुट होकर न्याराने का आह्वान किया। सोमवार को गुजरात के खेड़ा जिला में श्री स्वामीनारायण मंदिर की स्थापना के 200 वर्ष पूरे होने पर जुटे श्रद्धालुओं को वर्चुअल रूप से संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि निहित स्वार्थ के लिए कुछ राष्ट्र विरोधी लोग समाज को बांटने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने उनके मंसूबों की गंभीरता को समझना बहुत जरूरी बताते हुए सभी को एकजुट होकर उन्हें हराने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री सोमवार को गुजरात के खेड़ा जिले में बड़तल स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर की स्थापना के 200 वर्ष पूरे होने पर जुटे श्रद्धालुओं को वर्चुअल रूप से संबोधित कर रहे थे।
पीएम ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए पहला महत्वपूर्ण कदम आत्मनिर्भरता है। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नागरिकों के बीच एकता और राष्ट्रीय अखंडता बहुत महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्यवश निहित स्वार्थ या संकुचित मानसिकता के चलते कुछ लोग जाति, धर्म, भाषा ,महिला- पुरुष, गांव, शहर जैसे मुद्दों पर हमारे समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं । हमें इन राष्ट्र विरोधियों के इरादों को गंभीरता से समझना होगा और उन्हें हराने के लिए एकजुट होना होगा। उन्होंने स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों से भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का वचन लेने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक से जोड़ने का आह्वान किया ।उन्होंने कहा कि इस मंदिर से जुड़ाव तब से जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे ।केंद्र ने हाल ही में इस मंदिर की स्थापना के 200 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक सिक्का जारी किया था।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा भगवान स्वामीनारायण हमारे सामने ऐसे समय में आए थे ,जब गुलामी के कारण देश कमजोर हो गया था और लोग इसके लिए स्वयं को दोषी मानते थे ।ऐसे समय भगवान स्वामीनारायण और अन्य संतों ने हमारे आत्मसम्मान को जागृत किया। हमें एक नई आध्यात्मिक ऊर्जा दी और हमारी मूल पहचान को पुनर्जीवित किया। आज दुनिया के जिन अधिकांश नेताओं से मैं मिलता हूं, वह चाहते हैं कि भारतीय युवाओं को उनके देश में आना चाहिए और काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार विकास भी ,विरासत भी के मंत्र पर विश्वास करती है ।कुछ वर्ष पूर्व यूनेस्को द्वारा कुंभ मेला को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित किए जाने की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा “आपके मंदिर दुनिया भर में मौजूद है ।मैं निवेदन करता हूं कि अपने मंदिरों के माध्यम से कुंभ के बारे में जागरूकता फैलाए। दुनिया में मौजूद हर मंदिर को चाहिए कि वह कुंभ मेला में कम से कम 100 विदेशी लेकर आए।”